CTET NCERT EVS CHAPTER 1, Day 1st

Hello दोस्तों, अब CTET की तैयारी करना होगा और भी आसान क्यूंकि अब यहाँ आपको मिलेंगा NCERT की सभी किताब का निचोड़, वो भी चैप्टर वाइज 

तो आज पहला चैप्टर शुरू करने जा रहे हैं  जिसमे हम भारत में पाए जाने वाले विभिन्न जानवरों व् उनसे सम्बंधित कुछ खास तथ्य के बारे में जानेंगे |


CHAPTER - 1

थीम्स

NCF 2005 के अनुसार कक्षा 3 से 5 तक के पर्यावरण अध्ययन को 6 थीमों में विभाजित किया गया है |
जो इस प्रकार हैं

  1. परिवार एवं मित्र
  2. भोजन
  3. पानी
  4. आवास
  5. यात्रा
  6. वे चीजें जो हम बनाते हैं और करते हैं
मधुमक्खी पालन -

  • बिहार के मुजफ्फरपुर का बोचाहा गांव इस इलाके में लीची के पेड़ बहुत अधिक पाए जाते हैं लीची के फूल मधुमक्खियों को बहुत लुभाते हैं इसलिए इस क्षेत्र के लोग मधुमक्खी पालकर शहद बनाने का काम करते हैं
  • मधुमक्खी पालन को एपीकल्चर कहते हैं। 
  • अक्टूबर से दिसंबर मधुमक्खी के अंडे देने का समय होता है और यही मधुमक्खी पालन शुरू करने का भी सही समय होता है।
  • लीची के फूल फरवरी में खिलते हैं
  • मधुमक्खी के हर छत्ते में एक रानी होती है जो अंडे देती है छत्ते में कुछ नर मक्खी भी होती है |
  • छत्ते में बहुत सारे काम करने वाली मक्खियां भी होती है यह दिन भर काम करती है शहद के लिए फूलों का रस ढूंढती है जब किसी मक्खी को रस  मिल जाता है तो वह एक तरह का नाच करती है उससे दूसरी मक्खियों को पता चल जाता है कि रस कहां पर है |
  • वह रस से शहद बनाती है छत्ता बनाने का काम भी इन्ही का होता है और बच्चों को पालने का भी |
  • मधुमक्खी पालन में बक्से का प्रयोग किया जाता है इस बक्से में चीनी का मीठा घोल डाला जाता है |
  • नर मक्खी छत्ते के लिए कुछ खास काम नहीं करते
  • मधुमक्खी के डांक में फार्मिक अम्ल होता है

चीटियां  -

  • चीटियां मिल जुल कर रहती है और चीटियों का  काम बंटा रहता है |
  • रानी चींटी अंडे देती है |
  • सिपाही चीटियां बिल का ध्यान रखती है |
  • काम करने वाली चीटियां भोजन ढूंढ कर बिल तक लाती है  |
  • चीटियां चलते समय जमीन पर कुछ छोड़ती है जिसे सूंघकर पीछे आने वाली चीटियों को रास्ता मिल जाता है |
  • दीमक और ततैये भी समूह में रहते हैं 

रेशम का कीड़ा -
  • रेशम का कीड़ा अपनी मादा को इसकी गंध से कई किलोमीटर की दूरी से ही पहचान लेता है
मच्छर-
  • मच्छर हमारे शरीर की गंध खासकर पैरों के तलवे की, और हमारे शरीर की गर्मी से हमें ढूंढ लेते हैं |मच्छर पानी में अंडे देते है |
  • डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, बीमारी मच्छरों के द्वारा फैलती है |
  • रुके हुए पानी में या इकट्ठा हुए पानी में मलेरिया के मच्छर पैदा होते है |
  • इसलिए मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए पानी में तेल डालना उचित रहता है |
  • इससे पानी का पृष्ट तनाव कम हो जाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है जिससे मच्छर का लार्वा मर जाता है
कुत्ता-
  • कुत्तो की गलियों में अपनी जगह बटी हुई होती है एक कुत्ता दूसरे कुत्ते के मल मूत्र की गंध से जान लेता है कि उसके इलाके में बाहर का कुत्ता आया था

चूहा -

  • चूहों की देखने की क्षमता कम होती है लेकिन इनके सूंघने, छूने और टेस्ट करने की क्षमता अधिक होती है

हाथी

  • हाथी को पानी और कीचड़ में खेलना बहुत पसंद है इससे उसके शरीर को ठंडक मिलती है।
  • हाथी के कान पंखे जैसे होते हैं गर्मी लगने पर हाथी अपने कान हिला कर हवा करता है
  • 3 महीने का हाथी 200 किलोग्राम वजन का होता है
  • एक बड़ा हाथी दिन में 100 किलोग्राम से ज्यादा पत्ते और झाड़ियां खा लेता है
  • हाथी बहुत कम आराम करता है 1 दिन में केवल 2 से 4 घंटे सोता है
  • हाथी परेशानी आने पर एक दूसरे की मदद करते हैं
  • झुंड में केवल हथिनिया और बच्चे ही रहते हैं
  • झुंड की सबसे बुजुर्ग हथिनी ही पूरे झुंड की नेता होती है
  • इस झंड में 10 या 12 हथिनी और बाकी बच्चे होते हैं
  • 14-15 साल तक हाथी इस झुंड में रहता है फिर वह झुंड छोड़कर चला जाता है

स्लॉथ  –

  • स्लॉथ दिखने में भालू की तरह होते है पर ये भालू से अलग होते है।
  • ये दिन में करीब 17 घंटे पेड़ों से उल्टे लटक कर आराम से सोते रहते हैं
  • ये सप्ताह में एक बार ही शौच के लिए पेड़ से नीचे उतरते है
  • जिस पेड़ में रहते हैं उसी के पत्ते खाकर अपना पेट भरते है
  • 40 वर्ष के अपने जीवन में ये सिर्फ 8 पेड़ों पर ही घूमते हैं

बाघ –

  • बाघ अंधेरे में हम से 6 गुना बेहतर देख सकता है
  • बाघ कि मूंछे हवा में हुए कंपन को भांप लेती है. जिससे उसे शिकार की सही स्थिति का पता चल जाता है और इससे वो अंधेरे में रास्ता ढूंढ लेता है
  • बाघ अपने इलाके में मूत्र करके अपनी गध छोड़ताहै दूसरा बाघ इस गंध को तुरंत पहचान लेता है
  • बाघ मौके के अनुसार अपनी आवाज बदलता रहता है
  • बाघ का गुर्राना 3 किलोमीटर दूर तक सुना जा सकता है
  • बाघ के दोनों कान बाहर की आवाज इकठ्ठा करने के लिए अलग-अलग दिशाओं में बहुत ज्यादा घूम भी जाते हैं
  • बाघ हवा से पत्तों के हिलने और शिकार की झाड़ियों में हिलने से हुई आवाज के अंतर को तुरंत भांप लेता है
अगर आपको ये क्लास अच्छी लगी हो तो एक कमेंट जरुर करें जिससे हमे प्रेरणा मिलती है और अच्छा काम करने की, धन्यवाद